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परियोजना के परिणामी सूचकांक
उत्तराखण्ड राज्य के चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में ग्राम समुदायों की सहभागिता के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग की दक्षता तथा बारानी कृषि (वर्षा आधारित कृषि) की उत्पादकता में वृद्धि करना।
परियोजना के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु मुख्य रूप से निम्न लक्ष्य निर्धारित किये गये है:-
क्र0सं0मदपरिणामी सूचकांक
1.जल स्रोतों में पानी की उपलब्धता में वृद्धि25 प्रतिशत की वृद्धि।
2.वानस्पतिक आवरण में वृद्धि20 प्रतिशत की वृद्धि।
3.बारानी क्षेत्र की सिंचित क्षमता में वृद्धि किया जाना48 प्रतिशत की वृद्धि।
4.बारानी क्षेत्र की उत्पादन क्षमता में वृद्धि किया जाना20 प्रतिशत की वृद्धि।
5.सिंचित क्षेत्रों में उत्पादन वृद्धि50 प्रतिशत की वृद्धि।

परियोजना में अनुश्रवण


अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं सीख
यह परियोजना विशिष्ट उद्देश्यों एवं दीर्घावधिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुये प्रस्तावित की जा रही है। अनुश्रवण एवं मूल्यांकन से यह जानकारी होती है कि क्या ग्राम पंचायत तथा समुदाय परियोजना के उद्देश्यों व उनकी प्राप्ति की ओर कार्य कर रहे हैं ? तथा वे परियोजना कर्मचारी, प्रयास/ गतिविधियों तथा परियोजना के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों के मध्य, सम्बन्धों को समझते हैं। साथ ही हमको यह बताता है कि उद्धेश्यों तथा लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रक्रिया में वे कहां पहुंच चुके है ? हर एक गतिविधियों के लिये निर्धारित प्रभावी सूचकांक के आधार पर परियोजना का नियमित अन्तराल पर अनुश्रवण किया जायेगा।

बाह्य मूल्यांकन


विश्व बैक द्वारा बाह्य मूल्यांकन एजेन्सी को नियुक्त किया जायेगा, जो बेस लाईन सर्वे, परियोजना के मध्य तक अन्तिम वर्ष में परियोजना के निर्धारित प्रभावी सूचकांक के सापेक्ष मूल्यांकन करेगी।

आन्तरिक मूल्यांकन


  1. मासिक भौतिक/वित्तीय प्रगति रिपोर्ट।
  2. समस्त आंकडे एम.आई.एस एवं जी.आई.एस. सेल द्धारा एकत्र करना।
  3. एफ.एम.आई.एस. के द्वारा समस्त व्यय एवं प्रतिपूर्ति के आंकडे एकत्र करना।
  4. नियमित अन्तराल पर निदेशालय स्तर पर तकनीकी टीम द्धारा फील्ड का भ्रमण/अनुश्रवण प्रत्येक स्तर के फील्ड अधिकारियों एवं उच्च स्तरीय अधिकारियों द्धारा नियमित दौरे करना।
  5. जिला स्तर पर जिला पंचायत अध्यक्ष की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जलागम समिति प्रत्येक तिमाही तथा राज्य स्तर पर छमाही/वार्षिक अन्तराल पर कृषि एवं वन आयुक्त की अध्यक्षता में परियोजना प्रगति का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कार्य किया जायेगा
  6. विश्व बैंक द्धारा नियमित अन्तराल पर फील्ड भ्रमण कर अनुश्रवण/ मूल्यांकन किया जायेगा।

सहभागी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन


सहभागी अनुश्रवण एवं मुल्यांकन सामजिक आडिट का ऐसा तरीका है, जिसमें प्रारम्भिक हितभागी के मध्य पारदर्शी तरीके से परियोजना की प्रगति एवं उनकी गुणवत्ता का एफ.एन.जी.ओ स्टाफ के माध्यम से मूल्यांकन किया जाता है।

उद्देश्य:


  1. विभिन्न गतिविधियों के हितभागियों के द्वारा योजना निर्माण एवं सामुदायिक गतिविधियों के क्रियावन्यन में अपनी समझ व क्षमता बढाने के उद्देश्य से अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कर सूचना एकत्र करना।
  2. सहभागी मूल्यांकन में हितभागियों के द्वारा प्रगति का आकलन, उनका अभिलेखीकरण एवं समस्त को जानकारी देना तथा स्थानीय ग्राम वासियों को उनकी सहभागिता बढाकर गतिविधियो के क्रियान्वयन में उन्हें सहायता करना है।

सहभागी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के मुख्य बिन्दु :


सहभागी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन मुख्य रूप से निम्न बिन्दुओं पर केन्द्रित होगी-
  1. परियोजना के उद्देश्यों, बजट लिफाफा तथा एवं परियोजना गतिविधियों के बारे में जागरूकता।
  2. कार्ययोजना की विभिन्न गतिविधियों के लिये हितभागियों के चयन के सम्बन्ध में जागरूकता।
  3. जल एवं जलागम प्रबन्धन समिति, राजस्व ग्राम समिति तथा बहुउद्दशीय दल द्धारा विभिन्न गतिविधियों में दर्शाये जा रहे पारदर्शिता।
  4. जानकारी एवं वित्तीय प्रबन्धन का स्तर।
  5. परियोजना क्रियान्वयन में कार्यरत संस्थाओं की क्षमता का आंकलन।

परियोजना में सम्प्रेक्षण व्यवस्थायें


  1. बाह्य सम्प्रेक्षण- राजकीय महालेखाकार द्धारा वार्षिक सम्प्रेक्षण
  2. आन्तरिक सम्प्रेक्षण- परियोजना द्धारा अनुमोदित चार्टड एकाउन्टेन्ट (CA) द्धारा त्रैमासिक आधार पर आन्तरिक सम्प्रेक्षण।
  3. ग्राम पंचायत सम्प्रेक्षण- चार्टड एकाउन्टेन्ट (CA) वार्षिक आधार पर समस्त ग्राम पंचायत के द्धारा लेखा अभिलेखों का सम्प्रेक्षण करेगा।