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एकीकृत आजीविका विकास परियोजना के अंतर्गत चयनित क्षेत्र का विवरण:-
क्र0सं0 जनपद का नाम विकासखण्ड का नाम सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों की संख्या क्षेत्रफल (है0) वनों के अंतर्गत क्षेत्रफल (है0) कृषि क्षेत्र (है0) परती क्षेत्र (है0) ग्राम पंचायतों की संख्या राजस्व ग्रामों की संख्या कुल परिवारों की संख्या कुल जनसंख्या
1.पौड़ीपाबौ, एकेश्वर 5 164701109240191359 48101 538821643
2.चम्पावतबाराकोट, पाटी, चम्पावत42101112613 5678272055126598630052
3.नैनीतालबेतालघाट, रामगढ़13 327131890283125262871541104655516
4.योग- 722701944260718009957819038122420107211
सहभागी जलागम विकास घटक के अन्तर्गत निम्न उपघटक सम्मिलित हैं -:-

(1)सहभागी जलागम प्रबन्धन
(2) खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका संवर्द्धन
(3) बाजार हेतु उपयोगार्थ/पहुंच (Market Access)
(4) मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं ज्ञान प्रबन्धन

1 सहभागी जलागम प्रबन्धन -:-

इस घटक के अन्तर्गत सामाजिक संचेतना तथा सहभागी नियोजन हेतु स्वयं सेवी संस्थाओं का परियोजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार चयन किया जायेगा। ग्राम पंचायत स्तर पर जलागम विकास के कार्य को समुदाय द्वारा नियोजन, क्रियान्वयन, उपयोग तथा प्रबन्धन किया जायेगा। इस हेतु ग्राम पंचायत की जनसंख्या व क्षेत्रफल के आधार पर बजट निर्धारित किया जायेगा। जलागम प्रबन्धन के अंतर्गत जल एवं मृदा संरक्षण के कार्य, जल संचय संरचनाओं, वृक्षारोपण, चारागाह विकास, पशुधन विकास एवं गैर परम्परागत ऊर्जा संयत्रों की स्थापना इत्यादि के कार्य क्रियान्वित किये जायेंगे।

2 खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका संवर्द्धन -:-

परियोजना के अंतर्गत कृषि उत्पादक समूहों को विकसित कर उन्हें कृषि सम्बन्धित आधुनिक तकनीकों एवं कृषिकरण के उपायों से अवगत कराया जायेगा। सहयोगी तकनीकी संस्था द्वारा परियोजना के घटक खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका संवर्द्धन हेतु क्रियान्वयन दिया जायेगा। इस गतिविधि के अन्तर्गत उत्पादक समूह, निर्बल उत्पादक समूह, आजीविका संघो का गठन कर व्यवसाय वृद्वि हेतु क्षमता विकास के साथ- साथ वित्तीय सहायता एवं उन्नत कृषि तकनीक प्रदान करने व मूल्य सवंर्द्धन श्रंखला हेतु समग्र तकनीकी सहायता दी जायेगी।

3 बाजार हेतु उपयोगार्थ/पहुंच -:-

परियोजना क्षेत्र में कृषि उत्पादक समूह एवं निर्बल वर्ग के व्यवसाय समूहों को आजीविका सामुदायिक स्थल पर विकसित कर बाजार विपणन की सुविधाएं, ऋण प्रोद्योगिकी इत्यादि सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रस्तावित है तथा कृषि व्यवसाय को विकसित करने हेतु गैर सरकारी तकनीकी संस्थाओं के सहयोग से विनिर्माण एवं विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। परियोजना क्षेत्र में कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन हेतु प्रसंस्करण केन्द्रों का भी निर्माण प्रस्तावित है।

4 संस्थागत सुदृढ़ीकरण, मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं ज्ञान प्रबन्धन -:-

इस उप घटक के अंतर्गत परियोजना के विभिन्न हितभागियों का क्षमता विकास प्रस्तावित है। परियोजना में पारदर्शिता एवं सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु परियोजना सम्बन्धित क्रियाकलापों का सूचना, शिक्षा एवं संचार के कार्य भी प्रस्तावित है। परियोजना के अन्तर्गत एक व्यापक मूल्यांकन एवं अनुश्रवण प्रणाली विकसित की जायेगी। अनुश्रवण सूचकों में;
1. परिणाम रूपरेखा
2. प्रबन्धन सूचना तंत्र (एम0आई0एस0) जिसमें भौतिक परिणाम तथा प्रभाव शामिल होंगे,
3. सहभागी अनुश्रवण एवं मूल्यांकन (पी0एम0ई0) तथा
4. वार्षिक प्रभाव मूल्यांकन सम्मिलित होंगे।

परियोजना हेतु MIS निर्मित किया जायेगा जिसमें यथासमय गुणवत्तायुक्त आंकड़ो का संकलन किया जा सकेगा। यह एम0आई0एस0 प्राप्त परिणामों तथा प्रभावों को उपग्रह से प्राप्त चित्र में दर्शाने के साथ-साथ इसे संकलित संख्यात्मक आंकडों से ऑनलाइन लिंक कर सकता है। MIS द्वारा विकसित ऑकडें तथा मानचित्र, प्रभाग तथा राज्य स्तर पर नियोजन व निर्णय लेनें में सहायक सिद्ध होगें।